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🔷भारत परिषद अधिनियम 1909:

🔶इसे मार्ले-मिंटो सुधारों के रूप में भी जाना जाता है

🔶केंद्र और प्रांतों में विधान परिषदों के आकार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। केंद्रीय परिषद में सदस्यों की संख्या 16 से बढ़कर 60 हो गई

साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत, मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल। लार्ड मिंटो साम्प्रदायिक निर्वाचन के जनक माने जाते हैं
🔶वायसराय और गवर्नर की कार्यकारी परिषदों में भारतीयों को अनुमति दी गई थी
परिषदों को किसी भी मामले पर चर्चा करने, बजट पर प्रस्ताव पेश करना और पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार दिया गया

🔷भारत शासन अधिनियम 1919:

🔶इसे मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के रूप में भी जाना जाता है

🔶केंद्रीय विषयों तथा प्रांतीय विषयों का सीमांकन किया गया

🔶प्रांतीय स्तर पर "द्वैध शासन" शुरू किया गया

🔶द्वैध शासन व्यवस्था के तहत, प्रांतीय विषयों को हस्तांतरित और आरक्षित विषयों में विभाजित किया गया था- गवर्नर आरक्षित विषयों पर विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं था

पहली बार, केंद्र में द्विसदनीय व्यवस्था की शुरुआत की गई थी

🔶प्रत्यक्ष चुनाव

🔶अधिनियम के अनुसार ,वायसराय की कार्यकारी परिषद के 6 सदस्यों (कमांडर-इन-चीफ के अलावा) में से 3 भारतीय होने थे

🔶केंद्रीय लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया

🔷भारत सरकार अधिनियम 1935

🔶एक अखिल भारतीय संघ की स्थापना के लिए प्रस्तावित अधिनियम, जिसमें प्रांतों और रियासतों को इकाइयों के रूप में शामिल किया गया था, हालांकि संघ कभी अस्तित्व में नहीं आया
🔶अधिनियम ने केंद्र और इकाइयों के बीच शक्तियों को संघीय सूची, प्रांतीय सूची और समवर्ती सूची में विभाजित किया
🔶अवशिष्ट शक्तियाँ वायसराय में निहित थीं
केंद्र में द्वैध शासन को अपनाने का प्रावधान
6 प्रांतों अर्थात बंगाल, बॉम्बे, मद्रास, बिहार, असम और संयुक्त प्रांतों में द्विसदनीय विधान परिषद् एवं विधान सभा की शुरुआत की
🔶भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना
संघीय न्यायालय की स्थापना1947 का भारतीय

🔷 स्वतंत्रता अधिनियमः
🔶इसने भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त कर
🔶 दिया और भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया
🔶भारत का विभाजन किया गया
भारत सचिव के कार्यालय को भंग किया गया



tg-me.com/GK_Tricks_HandwrittenNotes_Hindi/4714
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🔷भारत परिषद अधिनियम 1909:

🔶इसे मार्ले-मिंटो सुधारों के रूप में भी जाना जाता है

🔶केंद्र और प्रांतों में विधान परिषदों के आकार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। केंद्रीय परिषद में सदस्यों की संख्या 16 से बढ़कर 60 हो गई

साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत, मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल। लार्ड मिंटो साम्प्रदायिक निर्वाचन के जनक माने जाते हैं
🔶वायसराय और गवर्नर की कार्यकारी परिषदों में भारतीयों को अनुमति दी गई थी
परिषदों को किसी भी मामले पर चर्चा करने, बजट पर प्रस्ताव पेश करना और पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार दिया गया

🔷भारत शासन अधिनियम 1919:

🔶इसे मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के रूप में भी जाना जाता है

🔶केंद्रीय विषयों तथा प्रांतीय विषयों का सीमांकन किया गया

🔶प्रांतीय स्तर पर "द्वैध शासन" शुरू किया गया

🔶द्वैध शासन व्यवस्था के तहत, प्रांतीय विषयों को हस्तांतरित और आरक्षित विषयों में विभाजित किया गया था- गवर्नर आरक्षित विषयों पर विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं था

पहली बार, केंद्र में द्विसदनीय व्यवस्था की शुरुआत की गई थी

🔶प्रत्यक्ष चुनाव

🔶अधिनियम के अनुसार ,वायसराय की कार्यकारी परिषद के 6 सदस्यों (कमांडर-इन-चीफ के अलावा) में से 3 भारतीय होने थे

🔶केंद्रीय लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया

🔷भारत सरकार अधिनियम 1935

🔶एक अखिल भारतीय संघ की स्थापना के लिए प्रस्तावित अधिनियम, जिसमें प्रांतों और रियासतों को इकाइयों के रूप में शामिल किया गया था, हालांकि संघ कभी अस्तित्व में नहीं आया
🔶अधिनियम ने केंद्र और इकाइयों के बीच शक्तियों को संघीय सूची, प्रांतीय सूची और समवर्ती सूची में विभाजित किया
🔶अवशिष्ट शक्तियाँ वायसराय में निहित थीं
केंद्र में द्वैध शासन को अपनाने का प्रावधान
6 प्रांतों अर्थात बंगाल, बॉम्बे, मद्रास, बिहार, असम और संयुक्त प्रांतों में द्विसदनीय विधान परिषद् एवं विधान सभा की शुरुआत की
🔶भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना
संघीय न्यायालय की स्थापना1947 का भारतीय

🔷 स्वतंत्रता अधिनियमः
🔶इसने भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त कर
🔶 दिया और भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया
🔶भारत का विभाजन किया गया
भारत सचिव के कार्यालय को भंग किया गया

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The messaging service and social-media platform owes creditors roughly $700 million by the end of April, according to people briefed on the company’s plans and loan documents viewed by The Wall Street Journal. At the same time, Telegram Group Inc. must cover rising equipment and bandwidth expenses because of its rapid growth, despite going years without attempting to generate revenue.

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